कंजूस सेठ
एक नगर में रहता था सेठ , नाम था उसका धन्ना सेठ
बड़ा कजूंस और मक्खी चूस , मगर उसे थी खाने की भूख ।
जब भी दिखता उसे पकवान , आ जाते हरकत में उसकी ज़बान ।
जीभ फेरता मुंह में और बनती दिमाग में योजना
कैसे खाया जाये पकवान , बिना नकद और बिना दाम !
सोचते-सोचते उसने सोची एक तरकीब , लिए पहन कहीं से किसी की पुरानी सी कमीज ।
चला घूमते और झूमते , लहराते मस्त मगन ।
आज जो उसे मिलने वाले थे , बिना खर्च के भोजन ।
गया वहां जहां भंडारा था लगा , धक्का मुक्की करके
बैठा जाकर तन के ।
खुशी तो थी मन में बहुत कि , मिलेंगे खाने को आज पकवान ।
मगर फुटी किस्मत उसकी कि , उसी समय खत्म हो गये थे सारे पकवान ।
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एक बच्ची को उसके स्कूल में सुनाने के लिए लिखी थी । 10 मिनट में , सोचा यहां पोस्ट कर दूं ।पढ़कर समीक्षा जरूर करें 😊
Muskan khan
06-Aug-2022 09:43 PM
फिर बच्ची स्कूल गई की पकवान खाने
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Sachin dev
06-Aug-2022 09:13 PM
Very nice 👍
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Seema Priyadarshini sahay
06-Aug-2022 08:53 PM
Nice 👌
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